Wednesday, February 25, 2015

A Good and Positive Thinking can change a man's life.
It seems it is not possible or some think it is. But when we go through the theories we find that many of the examples does follow them.
This is why because human mind is some kind of the follower of each thought. And once you start thinking about the pictures appearing in your mind it is easy to believe on them.
And then the games  starts it become reality to one. The beginning is hard and the belief is too. Once it is started we find our self in the real world of imaginations.

Well this is not a breaking paragraph but a break for better writing. So we will meet after a short break for better reading
Thanks

Wednesday, May 28, 2014

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Monday, October 18, 2010

अत्यंत दुःख के साथ सूचित किया जाता है की हमारी फेसबुक बंद हो गई है | अब हमारी सारी फसल सड़ जायगी| हम बोहत दुखी है

Sunday, August 15, 2010

बढती आर्थिक असमानता समाज के लिए घातक












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Saturday, January 23, 2010

साले की शादी -

आप लोगो को ब्रह्मा जी तो याद ही होंगे जो आदमी बनाते है |
एक बार की बात है, ब्रह्मा जी को अपने साले की शादी मैं जाना था अब आदमी बनाने का महतवपूर्ण काम छोड़  कर जाये तो कैसे | पर जाना भी तो जरुरी था तो भाई वही पर काम करने वाले एक साथी सहयोगी को अपनी कुर्सी पर बिठा कर कुछ काम वाम समझा कर चल दिए ३ दिन की छुट्टी पर |
जिस आदमी को काम पर लगाया था वो था काम का भूका उसने देखा की एक कमरे मैं आदमी बनाने के पार्ट्स पड़े थे बस उनको जोड़ना बाकि था जिसे आदमी बन जाता होगा. और जो कामगार इन पार्ट्स को जोड़ने का काम करते थे वो एक कमरे मैं बैठ कर तीन पत्ती खेल रहे थे उस आदमी ने पुछा की तुम लोगो को कुछ काम नहीं है क्या जो पत्ते खेल रहे हो तो उनमे से एक बोला की भाई साहब आर्डर नहीं आया है आप आर्डर निकल दो तो हम लोगो के पास काम ही काम है फ़िलहाल आदमी बनाने का कोई आर्डर नहीं निकला हुआ है साहब इसलिए हम लोग कुछ नहीं कर रहे है | अब तो उन भाई साहब को मानो मजा आ गया उन्होंने झटपट आर्डर निकाल दिया नए आदमी बनाने का |
बस फिर क्या था ३ दिनों मैं बहुत से आदमनी तयार हो गए | जब भ्रम जी शादी से वापस लोटे तो देखा की पार्ट्स वाले रूम मैं पार्ट्स लग्बह्ग ख़तम हो गए थे उन्होंने उस आदमी से पुछा की ये आप ने क्या किया बिना आर्डर के ही आदमी बनवा दिए चलो कोई बात नहीं पर क्या आपने ये रूम खोला | उस आदमी ने कहा की नहीं मैंने तो सिर्फ पार्ट्स वाला रूम ही खोला था जो आदमी बनाने के लिए जरुरी था इस रूम में क्या है | तो ब्रह्मा जी ने कहा की इस रूम में आदमी का दिमाग रखा हुआ है वो भी इन पार्ट्स के | अब अगर औडिट हो गई तो मैं क्या जवाब दूंगा ऑडिटर को अब ऐसा करो की जल्दी से ये सरे दिमाग बचे हुए पार्ट्स के साथ फिट कर दो जिसमे जितने आ जाये बस इनको ख़तम करना है और हा ये काम जल्दी हो जाये उतना ही अच्छा है |  अब क्या था जो बाकि पार्ट्स बचे थे उनमे उन सारे दिमागों को भर दिया गया और काम ख़तम कर दिया गया
मित्रो ब्रह्मा जी की उन ३ दिनों की छुट्टी और उस भले मानस की काम की इच्छा को हम आज तक भुगत रहे है |
कैसे जिन लोगो मैं दिमाग डाला ही नहीं गया था वो हे आप और हम |
और जिन लीगों मैं दिमाग जरोरत से जयादा ड़ाल दिया था वो हे जो हमको चला रहे है  वो हमको बिना बात ही लूट रहे है पैसा बना रहे है और न जाने क्या क्या कर रहे है |
वो लोग इतने insecure है की बस पैसा बन ले जो भी हो जायाडा से जयादा अपने कब्जे मैं के ले पता नहीं कल क्या होगा |
या फिर वो हम सब को वो बनाना चाह रहे है जो हम आज़ादी से पहले थे मेरा मतलब समझ रहे है न आप |
इन एक्स्ट्रा ordinary लोगो ने इतना अच्छा जाल बुना है की आप और हम इसको जानते हुए भी कुछ नहीं कर सकते क्यू की कुछ किया तो हमारी नौकरी चली जाएगी या हमको क्या करना है जब लोगो को ही  कोई परवाह नहीं है तो और न जाने क्या क्या बहाने बना लेते है अपने आप को समझा लेने के |
आज चीनी बहुत महंगी हो गई है की आम आदमी उसको खरीद नहीं सकता या यु  कहे की उस कीमत पर नहीं मिल रही जिस दाम  पर आम आदमी को मिलनी चाहिये | ४८ रुपये किलो चाहिये तो जितने किलो चाहिये उतनी मिल जायगी पर २४ रुपये किलो नहीं मिल सकती क्यू की उससे एक्स्ट्रा ordinary लोगो को प्रोफिट नहीं होगा इसलिए ये चीनी उनके गोदामों से बहार नहीं आ सकती क्यू की वो सड़ सकती है, ख़राब हो सकती है लेकिन कम कीमत पर लोगो को नहीं मिल सकती |

ब्रह्मा जी आप ने एक गलती कर दी और उसकी सजा हम लोगो को यानि सारी दुनिया को हमेसा भुगतनी पड़ेगी |
मेरे प्यारे देश के बिना दिमाग के लोगो अपने दिल से काम लो और इन एक्स्ट्रा ordinary लोगो को सबक सिखा कर अपना और अपने बच्चो का future बचा लो जागो और इनको भारत के संविधान की वो पंक्तिया याद दिला दो जिनको ये लोग सिर्फ अपने लिए ही सार्थक कर रहे है |
"हम भारत के लोग भारत को ....."
मैं उस पवित्र ग्रन्थ की आड़ ले कर कुछ नहीं कहना चाहता ये उसका अपमान होगा जिससे उन लोगो को कोई फर्क नहीं पड़ता क्यू की .....

आप सभी को धन्यवाद.

Saturday, November 14, 2009

अपनी तो कट गई अब अपनी सोचो भाई

चाय की थडी पर दूस्तो का हुजूम लगा हुआ था | चाय की चुस्कियों के साथ लम्बी लम्बी दींगो का सिलसिला भी चल रहा था |
यार polictics  ने  इस देश का बनता dhaar कर दिया है सब के सब बेईमान है | कोई देश के बारे मैं नहीं सोचता सब साले अपनी jabe  भरने मैं लगे हुए है इस देश का कुछ नहीं हो सकता ये देश तो गर्त मैं जा रहा है | सब लोगो के यही विचार थे एक बही साहब बिलकुल chup चाप बैठे थे चाय पि रहे थे पर उनलोगों की बातो को सुन जरूर रहे थे
बाते आगे बड़ी ---- उस नेता ने ये घोटाला कर दिया उस अफसर ने ये कर दिया , वहा  ऐसा हो रह है , ख़राब गेहू बट रहा है, ऐसा वैसा आदि आदि ,
सब कुछ न कुछ बूल रहे थे पर उन बही साहब को बुलता नहीं देख कर एक ने उनसे पुछा क्यू  भाई साहब आप अपने देश के हालात के बारे मैं कुछ नहीं कहंगे | आप को नहीं लगता ये सब गलत हो रह है |
अब भाई साहब थोडा मुस्कुराये और बोले सुनो भांडू गलाटी हो रहा है तो भी और सही हो रहा है तो भी आप के बोलने से और मेरे सुनने से क्या होगा | आप बोलो और मैं सुन ले तो उससे उन लोगो को क्या फरक पड़ेगा जो इन सब मैं भागीदार है वो तो अपना काम कर रहाइ है और आगे भी करते रहंगे आप सिर्फ बोलते रह जाओगे और वो अपना काम करते रहंगे |
अब आप बताओ की आप और  हम तो फालतू मैं ही उनलोगों की ताकत bada रहे  है |
जितना आप जानते है उतना मैं भी जनता हु और आप मुझसे ज्यादा जानते है|
नेता हो या व्यापारी, अफसर हो या आम आदमी मेरे दोस्त को भी लालच से नहीं बच पा रहा है इसलिए ये सब हो रहा है |



अगर लोगो को सुधारना है तो सिकायत बंद करो और apne andar से लालच को बहार निकलकर उसको हमेसा के लिए ख़तम कर दो फिर न आप किसी की सिकायत करोगे और न ही कोई आप को सिकायाटी का मोका देगा |

ज्यादा का क्या करोगे भाई जो आप के लिए जरोरी है उसी को काम मैं लो और बाकि दुसरो के लिए छुडी दो आप भी shuki हो जाओगे और आप को फालतू के सभी jhanjhoto से मुक्ति भी मिल जायगी फिर जो भी करो गे उसके piche लालच नहीं होगा तो उसके प्रति pane की नहीं बाटने की भावना अपने आप ही बन जायगी |

आप की बातो का और साड़ी दुनिया को सीखी करने का यही तरीका है बही सब तो बिज़नस है और बिज़नस मैं तो एक को फायदा और दुसरे को नुक्सान होता ही है न और बिज़नस देने का नाम तो है नहीं अब आप को क्या करना है  अपनी सोचो भाई

Monday, November 9, 2009

दाल रोटी कैसे खाए प्रभु के गुण कैसे गाये

दाल रोटी कैसे खाए प्रभु के गुण कैसे गाये
दाल १०० रुपये किलो ! अब क्या खाए
मित्रो आप जो भी हो दाल खा सकते है ? शायद हां और शायद नहीं खैर आप दाल खाए या नहीं इससे कोई फरक नहीं पड़ता दाल तो दाल है ! अच्छा गरीब लोग क्या खा रहे है | आप को कोई मतलब  नहीं हा हो भी कैसे | कोई आप के लिए  गोली खाए या गोला आप को क्या मतलब है | आखिर आप उसके लिए उनको पे करते है और ये उनका काम है | और जो घूस खा रहे है उनसे भी आप को क्या मतलब  है वो जो कर रहे है उससे आप को क्या फरक पड़ने वाला है |
चलो जो भी है आप क्या खा रहे हो गम , दुःख, संतोष ,  इत्यादि इत्यादि |
और नेताओ और बड़े सेठो या लालाओ के कुत्ते क्या खा रहे है , १२० रुपये किलो का dog  फ़ूड जो सबसे सस्ता है |
अच्छा गरीबो को रहने के लिए प्लाट या मकान मिल रहे है या नहीं या फिर गरीब लोग अपने मिले हुए जमीनों और ,मकानों को  उचे दामो पर सेठो और लालाओ को बीच रहे है ताकि उनकी जरोरते पूरी हो सके | रोटी कपडे की मकान और जमीन तो मिले पर भी उन्होंने उसे तो बीच दिए. खैर चो जी हमको इन सब से क्या मतलब है हमारा और सभी का काम तो चल रहा है न|
जिन्दी चार दिन की है फिर क्यू किसी से दुश्मनी मोल ले |


अच्छा भाई आज इनता ही मूड है बाकि बाद मैं